Sana khan

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वोह मेरे हो जाए


अभी तुम किसी और के हो चुके हो, 
 हँस के कहते थे कि मैं आपका रहूँगा, 
कसूर तुम्हारा नही है मेरा था जो यकीन कर बैठी
हमारे इश्क़ की लोग मिसाल देते थे, की हम हमेशा साथ
रहते है पर आज वोही मज़ाक उड़ते फिरते है l
गलती खुद की और मुझे बेवफ़ा फरेबी 
यह कह कर छोड़ गए। 

तुमको अब मैं कुछ कह नहीं सकती, तुम्हरे बिना 
रह नहीं सकती, 
मुसीबत ये भी है तुम किसी के ओर के भी हो, 
तुमको उसे  चुरा भी नहीं सकती
तुमको जुदा करके उसे 
तुम्हारा  दिल दुखा सकती नहीं
मोहब्बत किस्मत में नहीं है मेरी
खुशियां तकदीर में नहीं है मेरी
ये कैसी तकदीर खुदा ने तराशी है मेरी
उदासी में ही जिंदगी गुजारी है मेरी
खुदा को यह मंजूर ना था मुझको दूर करके
किसी और को तुम्हारी  जिंदगी मे ला भेजा
प्यार तो मैंने भी क्या पर नसीब नही था 
पर फिर मै भी सम्भाल जाऊंगी
तुमको उसके साथ खुश देख के खुद को थाम लुंगी, 

फिर भी दिल मे एक उम्मीद सी है l
मुझे लगता था की तुम मेरे ही रहोगे
गलती कितनी भी हो माफ कर दोगे, 
साथ था जो तेरा मेरा क्या कभी तुम भुला पाओगे l
हर पल की यादों को दिल से मिटा कर 
आगे की राहों की मंज़िलो को क्या तुम सजाओगे. 
ऐ खुदा काश ऐसा हो जाए फिर से वो मेरे हो जाए 
फिर से वो मेरे हो जाए 

-सना खान

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5 Comments

Gulzar Asim

25-Oct-2021 10:48 PM

بہت خوبصورت نظم ہے معصوم سی خواہشوں کو لفظوں کا جامہ پہنا کو صفحہ دل پہ جیسے بکھیر دیا ہو

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Deepak Dangaich

22-Oct-2021 10:37 AM

Nice

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

29-Aug-2021 12:09 PM

वाह

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